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Sunday, August 16, 2020

कथक की धमार ताल

                                                           कथक की धमार ताल

शशिप्रभा तिवारी

वरिष्ठ गुरू और कथक नृत्यांगना कुमुदिनी लाखिया का नृत्य तीनों घराने-लखनऊ, बनारस और जयपुर का संगम रहा है। उन्होंने बड़े मन से अपनी शिष्याओं को तालीम दी। उन्हीं में से एक नृत्यांगना और गुरू संजुक्ता सिन्हा हैं। उन्होंने अपनी गुरू के नक्श-ए-कदम पर चलते हुए, नृत्य सीखा रही हैं। दरअसल, गुरू को प्रकाश बनकर, अपने शिष्य-शिष्या को मार्ग दिखाना पड़ता है। इसे संजुक्ता सिन्हा बखूबी समझती हैं। इसलिए, उन्होंने नृत्य से शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शक्ति पाने का प्रयास किया है। और, नृत्य से आनंद की चाह को पाया है और उसे विस्तारित किया है। इसकी झलक उनकी नृत्य रचनाओं में दिखी, जिसे उनकी शिष्याएं-कृतिका घानेकर और मीहिका मुखर्जी ने पेश किया।
कृतिका और मीहिका ने युगल कथक नृत्य पेश किया। उन्होंने चैदह मात्रा की धमार ताल को नृत्य में पिरोया। शुद्ध नृत्त की यह प्रस्तुति अच्छी थी। दोनों शिष्याओं की तैयारी और मेहनत नृत्य में दिखाई दे रही थी। वास्तव में, लाॅक डाउन में अपने समय और ऊर्जा का सही उपयोग उन्होंने किया। यह उनके नृत्य से दिख रहा था। उनके नृत्य में सिर्फ उनके नृत्य की चमक भर नहीं थी, बल्कि उनके गुरू की सोच झलक रही थी। उनका नृत्य सहज, स्वाभाविक और संतुलित था, जो नियमित रियाज से ही संभव है। इसके लिए गुरू के साथ शिष्याओं की भी सराहना की जानी चाहिए।

बहरहाल, शिष्याएं कृतिका और मीहिका ने धमार ताल में उपज में पैर का दमदार काम पेश किया। नृत्य रचना में पिरोई थाट में उन्होंने नायिका के खड़े होने की कई अंदाज को दिखाया। वहीं, उठान में पैर के काम के साथ उत्प्लावन का प्रयोग आकर्षक था। उन्होंने तोड़े, टुकड़े और तिहाई का प्रयोग भी सुघड़ता से किया। पैर का काम, अंगों और हस्तकों को बखूबी बरता। चक्रदार तिहाई और अन्य रचनाओं में ग्यारह और सोलह चक्करों का प्रयाग सधा हुआ था। उनकी उम्र के हिसाब से अच्छी तैयारी का प्रदर्शन दोनों शिष्याओं ने किया।

अगली पेशकश तराना थी। राग मल्हार पर आधारित बंदिश-‘पिया बिन-त दिम‘ को नृत्य में पिरोया गया। कृतिका और मीहिका ने कथक के तकनीकी पक्ष को भी इसमें खूबसूरत अंदाज में उजागर किया। जहां गायक समीउल्लाह खां की मधुर गायकी ने समां बांधा, वहीं संजुक्ता सिन्हा की कोरियोग्राफी भी उत्तम थी। दोनों ही शिष्याएं अपने गुरू के नृत्य में विश्वास, अपने आप में विश्वास और विश्व में विश्वास को बखूबी निभाया। इन युवाओं की असीम ऊर्जा में असीम संभावनाएं हैं।




बीते शाम 16 अगस्त 2020 को संकल्प में शिष्याएं कृतिका और मीहिका ने कथक नृत्य पेश किया। इस कार्यक्रम का आयोजन विधा लाल कथक एक्पोनेंट ने अपने फेसबुक पेज पर किया। इस आयोजन में आईपा और नुपूर अकादमी ने भी अपने सहयोग दिया है।

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