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Tuesday, July 16, 2013



 बचपन में जब गाँव में हम भाई-बहन जब एक-दूसरे को हंसाने के लिए खेलते थे और जबरदस्ती गुदगुदी लगा कर नाराज छोटों या बड़ों को हँसाने और मनाने की कोशिश करते थे। पता नहीं आज कल बच्चे इसे खेलते हैं या नहीं। क्योंकि वहां भी अब टीवी सीरियल देखने का ही जोर है।

अट्टा-पट्टा
नौ-दस गट्टा
खरवा-खात
पनिया पीयत
कहाँ गइल
कहाँ गइल

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