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Wednesday, June 21, 2017

atma vishwas ka vishwas

                           आत्मा विश्वास का विश्वास 


भले ही हम जानते हैं कि  सफलता और असफलता एक सिक्के के दो पहलू हैं, लेकिन कोई भी महत्वपूर्ण काम 
करते समय हमें इनका डर सताता जरूर है।  इससे अक्सर आत्म विश्वास भी डगमगाता है।  इस बारे में ओहियो स्टेट यूनिवर्ट्सिटी के हार्वर्ड ज किन, थॉमस इ बेकर और जॉन पी मेयर ने अपनी किताब कमिटमेन्ट इन आर्गेनाइजेशन में लिखा है कि चिंतन से उसी भाव या गुण का विकास होता है , जिसके बारे में आप निरंतर सोचते-विचारते हैं. अगर आप जीवन को कठिन और कटु व संघर्ष पूर्ण मानेंगे, तो खुद को कमजोर और आत्म-विश्वास से खाली पाएंगे। अगर आप सकारात्मक सोचते हैं , तो खुद को आत्म-विश्वास और क्षमताओं से लबरेज पातें हैं. आत्म-विश्वास ऊर्जा का अपरिमित स्त्रोत है।  वह जीवन धारा है, जो आपको सदैव सफलता से भरी कामनाओं से अभिभूत किए रहती है।  यह अद्भुत बूटी है , जो मानस को अनुपम एकाग्रता देकर श्रेष्ठ विचारों से समृद्ध बनती है।  इससे सफलता की नई खिड़की खुलती है।  जीतने की इच्छा सभी में होती है , मगर जीतने के लिए तैयारी करने की इच्छा कम लोगों में होती है।  सफलता और आत्म-विश्वास के लिए उद्देश्य, सिद्धांत, योजना, अभ्यास, लगातार प्रयास और धैर्य की जरुरत होती है।  आत्म-विश्वास के कारण आप में दृढ निश्चय की भावना प्रबल होती है , जो आपको निरंतर प्रेरणा देकर आपको आदर्श या लक्ष्य तक पहुँचने के लिए प्रेरित करती रहती है। 

आत्म-विश्वास सफलता के लिए  रामवाण है।  इससे आप में उत्साह का संचार होता है।  स्वामी विवेकानंद का कहना था कि आत्म-विश्वास जैसा कोई दूसरा दोस्त नहीं।  आत्मविश्वास सफलता की पहली सीधी है।  जबकि, वेदांत तीर्थ का मानना था कि आत्म-विश्वास का अर्थ-अपने-आप पर विश्वास, परमात्मा और उसकी शक्ति पर विश्वास। 

                                                                                              आज इतना ही 
                                                                                            शशि प्रभा तिवारी 

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